इसके क्या-क्या फायदे होते हैं

मातृत्व बीमा क्या है?
मातृत्व बीमा योजना विशेष रुप से मातृत्वक से संबंधित खर्च को कवर करने वाली स्पेशल स्कीम है। इस स्कीम के माध्यम से मां फैमिली प्लानिंग कर सकती है और आर्थिक रुप से अपने पैरेंटहुड को बिना किसी टेंशन के इंज्वाय कर सकती है। बच्चे के जन्म पर आने वाले खर्च की परिभाषा आईआरडीए के 2013 में जारी सर्कुलर में मानक परिभाषा का हिस्सा है। इसलिए सभी बीमा कंपनियों के लिए इसे मानना जरूरी है। मुख्यतौर पर इसमें बच्चे के जन्म से जुड़े और अस्पताल में भर्ती होने वाले खर्चे शामिल होते हैं।

इसके क्या-क्या फायदे होते हैं
इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले 30 दिन तक के और बच्चे के जन्म के 60 दिन बाद तक के खर्चे शामिल होते हैं। इसके तहत सामान्य तरीके से बच्चे को जन्म देने पर मातृत्व कवर और नवजात बच्चे के दावे की सीमा 15000 से 30000 रुपये तक ही होती है। जबकि सर्जरी के जरिए बच्चा होने पर दावा 25000 रुपये से 50000 रुपये के बीच कवर सीमित होता है। इसमें अस्पताल या नर्सिंग होम के कमरे का किराया, नर्स और सर्जन का खर्च, डॉक्टर की फीस, इमर्जेंसी एंबुलेंस का खर्च शामिल माना जाता है।

इस बीमा योजना की जरूरी बातें
मातृत्व बीमा का दावा करने के लिए पॉलिसी की खरीद के बाद 2 से लेकर 4 साल तक इंतज़ार की समय सीमा होती है। कुछ योजना में इसकी समय सीमा 6 साल तक भी होती है तो किसी में नौ महीने की भी होती है। मातृत्व बीमा का फायदा लेने के लिए पॉलिसी खरीदने वाले की उम्र 45 साल तक ही सीमित होती है।

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